Monday, January 14, 2008
शायद यही होना था।
मेरे एक मित्र थे/हैं/रहेंगे , जवानी में एक ठो विफ़ल विवाह और दो ठो विफल प्रेम कर चुके हैं या शायद करेंगे । अपनी अधेड़ावस्था (२५ साल के बाद आजकल युवावस्था बह जाती है। ) में हर शाम सोमरस से नापा तुला आचमन कर लेने के बाद एक फिकरा जरूर कहा करते हैं, "हैरानी होती है शुक्ला बॉस, कितना कितना तो लव मिला है हमें लाइफ में , आपसे सच बतातें हैं हम डिजर्व नहीं करते थे।"
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